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ONR 002:जल विज्ञान की मूल बातें| Latest Solved Assignment of IGNOU

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ONR 002:जल विज्ञान की मूल बातें| Latest Solved Assignment of IGNOU

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ONR 002 जल विज्ञान की मूल बातें असाइनमेंट समाधान में जल विज्ञान के सिद्धांत, संचार, और जल संसाधन प्रबंधन पर गहरी जानकारी दी गई है। यह समाधान IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है और हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प भी उपलब्ध हैं।
Product Name Cart


  • जल विज्ञान के सिद्धांत, प्रवृत्तियाँ, और जल संचयन।
  • जल संसाधन प्रबंधन के अवधारणाएँ और तकनीकी पहलू।
  • वर्षा, जल चक्र, और जल निकासी प्रणाली।
  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान, हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।
Category : BACHELOR'S (HONOURS) DEGREE PROGRAMMES
Sub Category : स्नातक उपाधि (ऑनस) हिंदी (बी ए एच डी एच)(BAHDH)
Products Code : 6.10-BAHDH-AASI
HSN Code : 490110
Author : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
Publisher : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
University : IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
Pages : 20-25
Weight : 157gms
Dimensions : 21.0 x 29.7 cm (A4 Size Pages)



Details

ONR 002 जल विज्ञान की मूल बातें पाठ्यक्रम का उद्देश्य जल विज्ञान के सिद्धांतों, तकनीकी पहलुओं, और जल संसाधन प्रबंधन पर छात्रों को गहराई से जानकारी प्रदान करना है। जल विज्ञान न केवल प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास, और सामाजिक कल्याण से भी जुड़ा हुआ है। यह असाइनमेंट समाधान जल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को सरल और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करता है, जो जल संसाधनों के प्रभावी और दीर्घकालिक प्रबंधन के लिए आवश्यक है।

जल विज्ञान (Hydrology):

जल विज्ञान वह विज्ञान है जो जल के प्राकृतिक और कृतिम प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। इसमें वर्षा, जल चक्र, जल का संचयन, और जल के वितरण के सिद्धांतों की जानकारी दी जाती है। जल विज्ञान पृथ्वी के सतही और भूमिगत जल के अध्ययन से संबंधित है, जिसे प्राकृतिक और मानव-निर्मित प्रणालियों में उचित उपयोग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। जल संसाधन न केवल पानी की उपलब्धता से जुड़ा है, बल्कि इसके सही संचयन और वितरण से जल संकट की समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।

जल चक्र (Water Cycle):

जल चक्र (जिसे हाइड्रोलॉजिकल सायकल भी कहते हैं) जल के निरंतर प्रवाह को दर्शाता है, जिसमें जल वाष्पन, संघनन, वर्षा, और जल निकासी प्रक्रियाओं के माध्यम से पृथ्वी के विभिन्न भागों में घूमता है। इस चक्र के द्वारा जल के मूल स्रोतों को पुनः सक्रिय किया जाता है। जल चक्र में प्रमुख प्रक्रियाएँ शामिल हैं:

  1. वाष्पन (Evaporation):
    जल के कणों का वातावरण में उड़ जाना।

  2. संघनन (Condensation):
    वाष्पित जल का पुनः तरल रूप में परिवर्तित होना।

  3. वर्षा (Precipitation):
    संघनित जल का पृथ्वी की सतह पर वर्षा के रूप में गिरना

  4. जल निकासी (Runoff):
    जल का भूमि पर बहाव और जलस्रोतों की ओर जाना।

जल संसाधन प्रबंधन (Water Resource Management):

जल संसाधनों का सही प्रबंधन उन क्षेत्रों में आवश्यक है जहाँ पानी की कमी या अतिरिक्त जल की समस्या हो। जल संसाधन प्रबंधन का उद्देश्य जल के सतत और समान वितरण को सुनिश्चित करना है। इसमें जल के संचयन, वितरण, और संरक्षण के कई उपाय शामिल हैं। इसके अंतर्गत वाटर रीसायक्लिंग, स्मार्ट वाटर इन्फ्रास्ट्रक्चर, और जल संरक्षण योजनाएँ आती हैं। जल प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके जल की वृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।

जल संचयन (Water Harvesting):

जल संचयन वह प्रक्रिया है, जिसमें वर्षा के पानी को संग्रहित करके भंडारण में रखा जाता है। यह जल की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए किया जाता है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी होती है। जल संचयन के प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

  1. वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting):
    यह प्रणाली घरों, विद्यालयों, और कृषि क्षेत्रों में वर्षा के पानी को संग्रहीत करने के लिए उपयोग की जाती है। इसे सिंचाई, जल आपूर्ति, और भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

  2. तालाब निर्माण (Pond Construction):
    वर्षा का पानी बड़े तालाबों या झीलों में एकत्रित किया जाता है, जिससे जल स्तर स्थिर रहता है और यह पानी सिंचाई के लिए उपयोगी होता है।

  3. वाटर टैंक और कुंड (Water Tanks and Wells):
    सुरक्षित और साफ जल संचयन के लिए टैंक और कुएं बनाए जाते हैं, जिनसे जल का संरक्षण किया जाता है।

जल प्रदूषण और उसकी रोकथाम (Water Pollution and Its Prevention):

जल प्रदूषण के कारण जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जो न केवल मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि पर्यावरण पर भी बुरा असर डालता है। जल प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं:

  1. औद्योगिक अपशिष्ट (Industrial Waste):
    रासायनिक और प्राकृतिक अपशिष्ट जल में मिलकर इसे प्रदूषित करते हैं।

  2. घरेलू गंदगी (Domestic Waste):
    घरेलू गंदगी और सीवेज सिस्टम का उचित निपटान न होने से जल प्रदूषण होता है।

जल प्रदूषण को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. पानी की सफाई तकनीक (Water Treatment Technologies):
    जैसे अल्ट्रावॉयलेट रेज, फिल्ट्रेशन सिस्टम, और ऑस्मोसिस

  2. कचरा प्रबंधन (Waste Management):
    कचरे का उचित निपटान और अपशिष्ट जल का पुनः प्रयोग।

असाइनमेंट समाधान की विशेषताएँ (Features of the Assignment Solution):

  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान।
  • जल विज्ञान के सिद्धांत, जल चक्र, और जल प्रबंधन पर गहरी जानकारी।
  • हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।

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