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Category | : BACHELOR'S (HONOURS) DEGREE PROGRAMMES |
Sub Category | : स्नातक उपाधि (ऑनस) हिंदी (बी ए एच डी एच)(BAHDH) |
Products Code | : 6.10-BAHDH-AASI |
HSN Code | : 490110 |
Language | : English, Hindi |
Author | : BMAP EDUSERVICES PVT LTD |
Publisher | : BMAP EDUSERVICES PVT LTD |
University | : IGNOU (Indira Gandhi National Open University) |
Pages | : 20-25 |
Weight | : 157gms |
Dimensions | : 21.0 x 29.7 cm (A4 Size Pages) |
BPAG 174 सतत विकास पाठ्यक्रम का उद्देश्य सतत विकास के सिद्धांतों, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को समझना है। यह पाठ्यक्रम सतत विकास की अवधारणा को एक समग्र दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है, जो मानवता की वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ भविष्य के लिए भी संसाधनों का संरक्षण करता है। यह असाइनमेंट समाधान सतत विकास की समझ को गहरा करता है और यह सभी पहलुओं से जुड़ी समस्याओं और समाधान को उजागर करता है।
सतत विकास का मतलब है कि वर्तमान पीढ़ी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए, भविष्य पीढ़ियों के लिए संसाधनों को संरक्षित रखे। सतत विकास का लक्ष्य है पर्यावरणीय सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, और सामाजिक समानता का समन्वय। यह परिभाषा ब्रंटलैंड रिपोर्ट (1987) से आई थी, जो इसे "वह विकास है जो भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को नुकसान पहुँचाए बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करता है" के रूप में परिभाषित करता है।
आर्थिक स्थिरता (Economic Stability):
सामाजिक समानता (Social Equity):
पर्यावरणीय सुरक्षा (Environmental Protection):
सतत विकास एक वैश्विक प्रक्रिया है और इसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों द्वारा समर्थन और बढ़ावा दिया गया है। इनमें प्रमुख हैं:
संयुक्त राष्ट्र (United Nations):
संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास लक्ष्य (SDGs) को 2015 में स्वीकार किया, जिसमें 17 लक्ष्यों के माध्यम से विभिन्न देशों को पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित किया गया है। इनमें गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन, और शिक्षा तक पहुंच जैसे विषय शामिल हैं।
पेरिस समझौता (Paris Agreement):
यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता है। इसमें दुनिया भर के देशों ने ग्लोबल वार्मिंग को 2°C तक सीमित करने का लक्ष्य रखा है।
क्योटो प्रोटोकॉल (Kyoto Protocol):
यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले गैस उत्सर्जन को नियंत्रित करना था।
प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग (Overuse of Natural Resources):
आर्थिक असमानता (Economic Inequality):
जनसंख्या वृद्धि (Population Growth):
नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग (Use of Renewable Energy):
शिक्षा और जागरूकता (Education and Awareness):
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण (Conservation of Natural Resources):
DISCLAIMER
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