Empowering Learning, Uniting Minds: BookMyAssignments Elevates Education

BPCG 176 जेंडर का मनोविज्ञान| Latest Solved Assignment of IGNOU

  • Home
  • 6.10-BAHDH-AASI

BPCG 176 जेंडर का मनोविज्ञान| Latest Solved Assignment of IGNOU

Bought By : 483 Students          

        Whatsapp Enquiry

Instant Download in Next 2 Minutes after Payment.


BPCG 176 जेंडर का मनोविज्ञान असाइनमेंट समाधान में जेंडर और मनोविज्ञान के बीच संबंध, जेंडर भेदभाव, जेंडर पहचान, और समाज में जेंडर भूमिकाओं पर विस्तृत जानकारी दी गई है। यह समाधान IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है और हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प भी उपलब्ध हैं।
Product Name Cart


  • जेंडर और मनोविज्ञान के बीच संबंध।
  • जेंडर भेदभाव और जेंडर पहचान पर मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव और जेंडर भूमिकाएं।
  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान, हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।
Category : BACHELOR'S (HONOURS) DEGREE PROGRAMMES
Sub Category : स्नातक उपाधि (ऑनस) हिंदी (बी ए एच डी एच)(BAHDH)
Products Code : 6.10-BAHDH-AASI
HSN Code : 490110
Language : English, Hindi
Author : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
Publisher : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
University : IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
Pages : 20-25
Weight : 157gms
Dimensions : 21.0 x 29.7 cm (A4 Size Pages)



Details

BPCG 176 जेंडर का मनोविज्ञान पाठ्यक्रम का उद्देश्य यह समझाना है कि जेंडर की मानसिक प्रक्रियाओं और मनोविज्ञान का सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जेंडर एक समाजिक और सांस्कृतिक निर्माण है, जो मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से हमारी सोच, पहचान और समाज में हमारे स्थान को प्रभावित करता है। इस असाइनमेंट समाधान में हम देखेंगे कि जेंडर पहचान, जेंडर भेदभाव, और जेंडर भूमिकाएं कैसे मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझी जाती हैं और मनोविज्ञान के सिद्धांत जेंडर की विविधताओं को कैसे प्रकट करते हैं।

जेंडर का मनोविज्ञान (Psychology of Gender):

जेंडर केवल पुरुष या महिला होने का सवाल नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक निर्माण है, जो हमारे व्यक्तिगत विचारों, व्यवहार, और समाज में भूमिका को प्रभावित करता है। मनोविज्ञान में जेंडर का अध्ययन यह समझने के लिए किया जाता है कि कैसे यह मानसिकता और मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। जेंडर का मनोविज्ञान यह अध्ययन करता है कि कैसे हमारे मानसिक जीवन और सोच में जेंडर की भूमिका है और जेंडर पहचान कैसे बनती है।

जेंडर पहचान (Gender Identity) एक व्यक्ति की आंतरिक समझ होती है कि वे पुरुष, महिला, या अन्य के रूप में अपने जेंडर को महसूस करते हैं। यह पहचान समाज, परिवार, और सांस्कृतिक मान्यताओं से प्रभावित होती है। जेंडर की भूमिका (Gender Roles) समाज में पुरुषों और महिलाओं से जुड़ी मान्यताओं और अपेक्षाओं के आधार पर बनती है। ये भूमिकाएं सामाजिक दबाव, परंपराएं, और संस्कारों द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

जेंडर भेदभाव (Gender Discrimination):

जेंडर भेदभाव एक सामाजिक समस्या है जिसमें एक जेंडर को दूसरे जेंडर के मुकाबले कमतर या अधिकारों से वंचित किया जाता है। मनोविज्ञान में यह देखा गया है कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को अक्सर कमतर समझा जाता है, और यह सोच कई मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभावों का परिणाम होती है। जेंडर भेदभाव के कारण महिलाओं और पुरुषों दोनों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कम आत्मसम्मान, तनाव और मनोवैज्ञानिक विकार

जेंडर पहचान (Gender Identity):

जेंडर पहचान एक व्यक्ति के मन में यह आंतरिक समझ होती है कि वे अपने जेंडर के संदर्भ में खुद को किस रूप में देखते हैं। यह पहचान जन्म के समय निर्धारित नहीं होती, बल्कि यह एक मानसिक विकास के परिणामस्वरूप बनती है। जेंडर पहचान का मनोविज्ञान यह समझता है कि कैसे यह पहचान विकसित होती है, कैसे व्यक्ति अपने जेंडर की भूमिका को समाज में निभाता है, और यह मानसिक स्थिति किस हद तक सामाजिक और सांस्कृतिक कारकों से प्रभावित होती है।

जेंडर डिस्फोरिया (Gender Dysphoria) एक मानसिक स्थिति है, जिसमें एक व्यक्ति अपने जेंडर से असंतुष्ट होता है और इसे बदलने की इच्छा रखता है। यह मनोवैज्ञानिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है और जेंडर की पहचान पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

जेंडर और समाज (Gender and Society):

समाज में जेंडर की भूमिकाओं का विकास सांस्कृतिक और सामाजिक मान्यताओं के आधार पर होता है। यह भूमिकाएं पारंपरिक और समाज द्वारा निर्धारित होती हैं। उदाहरण के तौर पर, कुछ समाजों में यह माना जाता है कि महिलाएं घरेलू कार्य करती हैं, जबकि पुरुष को बाहर काम करने के लिए भेजा जाता है। इन भूमिकाओं को सामाजिक अपेक्षाएँ कहा जाता है, जो अक्सर मानसिक स्वास्थ्य और स्वतंत्रता को प्रभावित करती हैं।

जेंडर भूमिकाएं व्यक्तियों को विशिष्ट कार्य करने और सोचने के तरीके सिखाती हैं। समाज की यह अपेक्षाएँ बच्चों को छोटे से ही सिखाई जाती हैं, और सामाजिक दबाव से बचना मुश्किल हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, लोग अपनी असली जेंडर पहचान को दबा सकते हैं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं।

जेंडर समानता (Gender Equality):

जेंडर समानता वह सिद्धांत है, जिसके अनुसार हर व्यक्ति को उसके जेंडर के आधार पर बराबरी के अधिकार मिलते हैं। यह न केवल सामाजिक न्याय के लिए आवश्यक है, बल्कि मनोवैज्ञानिक कल्याण के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। जेंडर समानता से लोगों के स्वस्थ मानसिक विकास, आत्म-सम्मान, और सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा मिलता है। यदि जेंडर भेदभाव कम होता है, तो मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानवाधिकारों का सम्मान होता है।

असाइनमेंट समाधान की विशेषताएँ (Features of the Assignment Solution):

  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान।
  • जेंडर भेदभाव, जेंडर पहचान, और समाज में जेंडर भूमिकाएं पर मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण।
  • हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।

DISCLAIMER

The IGNOU solved assignments and guess papers provided on this platform are for reference purposes only and should not be used to engage in educational dishonesty. These materials serve as learning and study tools and are not intended for submission as original work. Users are responsible for using these materials ethically and in accordance with their educational institution's guidelines. We do not assume liability for any misuse or consequences resulting from the use of these materials. By accessing and utilizing these resources, users agree to this disclaimer.

  Chat with us
Handwritten Assignments Order Project, Practical, Synopsis, Internship