Empowering Learning, Uniting Minds: BookMyAssignments Elevates Education

BSOG 173 पुनर्विचार विकास| Latest Solved Assignment of IGNOU

  • Home
  • 6.11-BASKH-ASSI

BSOG 173 पुनर्विचार विकास| Latest Solved Assignment of IGNOU

Bought By : 452 Students          

        Whatsapp Enquiry

Instant Download in Next 2 Minutes after Payment.


BSOG 173 पुनर्विचार विकास असाइनमेंट समाधान में विकास के वैकल्पिक दृष्टिकोण, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलू पर विस्तृत चर्चा की गई है। यह समाधान IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है और हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प भी उपलब्ध हैं।
Product Name Cart


  • विकास के पारंपरिक और वैकल्पिक दृष्टिकोण।
  • आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं का पुनर्विचार।
  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान, हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।
  • विकास के नए मॉडल और उनके प्रभाव।
Category : BACHELOR'S (HONOURS) DEGREE PROGRAMMES
Sub Category : स्नातक उपाधि संस्कृत (BASKH) (बी ए एस के एच )
Products Code : 6.11-BASKH-ASSI
HSN Code : 490110
Language : English, Hindi
Author : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
Publisher : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
University : IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
Pages : 20-25
Weight : 157gms
Dimensions : 21.0 x 29.7 cm (A4 Size Pages)



Details

BSOG 173 पुनर्विचार विकास असाइनमेंट समाधान विकास के पारंपरिक दृष्टिकोण पर सवाल उठाता है और विकास के नए और वैकल्पिक मॉडल की चर्चा करता है। यह असाइनमेंट विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को समझने के लिए एक गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह समाधान IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है, ताकि छात्रों को अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिल सके। इसके अलावा, हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प भी उपलब्ध हैं।

विकास का पारंपरिक दृष्टिकोण (Traditional View of Development):

पारंपरिक रूप से विकास का मतलब केवल आर्थिक वृद्धि और धन का संग्रह माना जाता था। इसमें मुख्य ध्यान उत्पादन, आय और तकनीकी प्रगति पर केंद्रित होता था। यह दृष्टिकोण विकास को मात्रात्मक रूप से मापने की कोशिश करता था, जहां देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को विकास का मुख्य पैमाना माना जाता था।

हालांकि, यह दृष्टिकोण समय के साथ आलोचनाओं का शिकार हुआ, क्योंकि यह सामाजिक असमानता, पर्यावरणीय नुकसान और मानव अधिकारों की अनदेखी करता था। इसलिए, अब विकास के पारंपरिक मॉडल को समीक्षा और पुनर्विचार किया जा रहा है।

विकास के वैकल्पिक दृष्टिकोण (Alternative Views of Development):

विकास के वैकल्पिक दृष्टिकोणों में मानव विकास, सामाजिक समावेशन, और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया गया है। यह दृष्टिकोण यह मानता है कि विकास केवल आर्थिक वृद्धि से कहीं अधिक है। इसका उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है, न कि केवल संपत्ति और आय बढ़ाना।

  1. मानव विकास (Human Development):
    यह दृष्टिकोण संवेदनशीलता और समानता पर आधारित है। इसमें केवल आय और जीडीपी को नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामाजिक सुरक्षा को भी विकास के पैमाने के रूप में माना जाता है। महबूब उल हक और अमर्त्य सेन जैसे विशेषज्ञों ने मानव विकास के नए पैमानों की सिफारिश की है, जो स्वतंत्रता, समान अवसर, और मानव अधिकारों को बढ़ावा देते हैं।

  2. सामाजिक समावेशन (Social Inclusion):
    विकास का यह दृष्टिकोण समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है। इसमें गरीबी उन्मूलन, जातिवाद, लिंग भेदभाव और सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने की आवश्यकता है, ताकि हर व्यक्ति को आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक अधिकार मिल सकें। यह दृष्टिकोण यह मानता है कि एक समृद्ध समाज तभी बन सकता है, जब उसमें सभी वर्गों के लोग समान रूप से समाहित हों।

  3. पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability):
    विकास के इस दृष्टिकोण में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, वायुमंडलीय सुरक्षा, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटना शामिल है। इसमें हरित विकास, सतत विकास और इकोलॉजिकल असमानताएँ कम करने पर जोर दिया जाता है। पृथ्वी के पर्यावरणीय संकट से निपटने के लिए स्थिर और पर्यावरण मित्र विकास की आवश्यकता है।

विकास के नए मॉडल और उनके प्रभाव (New Models of Development and Their Impact):

नवीनतम विकास मॉडल जैसे कि सामाजिक पूंजी का निर्माण, सतत विकास और पुनर्व्यवस्थित वैश्विक विकास ने विकास की प्रक्रिया को अधिक समावेशी, समानतावादी और स्थिर बनाने पर जोर दिया है। इन मॉडल्स में सामाजिक, पर्यावरणीय और राजनीतिक पहलुओं को जोड़कर विकास को एक संतुलित दृष्टिकोण से देखा जाता है।

विकास का प्रभाव (Impact of Development):

  1. आर्थिक असमानताएँ:
    विकास के पारंपरिक मॉडल ने आर्थिक असमानताएँ और सामाजिक विभाजन को बढ़ाया। इसके परिणामस्वरूप, बहुत से देशों में गरीबी और शोषण की समस्या बढ़ी। इसलिए, विकास के वैकल्पिक दृष्टिकोणों का उद्देश्य समानता और समावेशन को बढ़ावा देना है।

  2. पर्यावरणीय संकट:
    पारंपरिक विकास मॉडल ने प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और प्राकृतिक आपदाओं की समस्या उत्पन्न हुई। स्थिर विकास और हरित ऊर्जा जैसे वैकल्पिक मॉडल अब इन समस्याओं का समाधान खोजने में मदद कर रहे हैं।

DISCLAIMER

The IGNOU solved assignments and guess papers provided on this platform are for reference purposes only and should not be used to engage in educational dishonesty. These materials serve as learning and study tools and are not intended for submission as original work. Users are responsible for using these materials ethically and in accordance with their educational institution's guidelines. We do not assume liability for any misuse or consequences resulting from the use of these materials. By accessing and utilizing these resources, users agree to this disclaimer.

  Chat with us
Handwritten Assignments Order Project, Practical, Synopsis, Internship