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BABG 171 अम्बेडकर को समझना| Latest Solved Assignment of IGNOU

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BABG 171 अम्बेडकर को समझना| Latest Solved Assignment of IGNOU

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BABG 171 अम्बेडकर को समझना असाइनमेंट समाधान डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन, संघर्ष और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यह समाधान IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है और हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प भी उपलब्ध हैं।
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  • डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन और संघर्ष।
  • सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांत।
  • भारतीय संविधान में अंबेडकर का योगदान।
  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान, हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।
Category : BACHELOR'S (HONOURS) DEGREE PROGRAMMES
Sub Category : स्नातक उपाधि संस्कृत (BASKH) (बी ए एस के एच )
Products Code : 6.11-BASKH-ASSI
HSN Code : 490110
Language : English, Hindi
Author : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
Publisher : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
University : IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
Pages : 20-25
Weight : 157gms
Dimensions : 21.0 x 29.7 cm (A4 Size Pages)



Details

डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय समाज के एक महान नेता और समाज सुधारक थे। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, और उन्होंने भारतीय समाज में जातिवाद, अस्पृश्यता और असमानता के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी। BABG 171 असाइनमेंट समाधान का उद्देश्य छात्रों को डॉ. अंबेडकर के जीवन, उद्देश्यों, और उनके सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के बारे में गहरी समझ प्रदान करना है। इस असाइनमेंट में उनके योगदान, दृष्टिकोण और भारतीय समाज के सुधार में उनकी भूमिका पर विस्तृत चर्चा की गई है।

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन और संघर्ष (Dr. B.R. Ambedkar’s Life and Struggles):

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे भारतीय समाज के सबसे प्रखर सामाजिक सुधारक, राजनीतिक नेता और विधिवेत्ता थे। अंबेडकर का जीवन अस्पृश्यता और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष से भरपूर था। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया और हमेशा अपने संघर्षों में समानता और मानवाधिकार की बात की।

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक था भारतीय संविधान का निर्माण, जिसमें उन्होंने सामाजिक और न्यायपूर्ण समाज का सपना देखा था। अंबेडकर ने भारतीय समाज की असमानता और विभाजन को समाप्त करने के लिए सशक्त कदम उठाए और सभी के लिए समान अधिकार की आवाज उठाई।

सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांत (Social Justice and Equality Principles):

डॉ. अंबेडकर का सामाजिक न्याय के प्रति दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट था। उनका मानना था कि जातिवाद और अस्पृश्यता जैसे सामाजिक विभाजन भारतीय समाज के लिए गंभीर समस्याएँ थीं। उन्होंने समानता, मूल अधिकारों, और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात की।

अंबेडकर ने कहा कि समानता और स्वतंत्रता समाज के सभी वर्गों के लिए आवश्यक हैं, और इन्हें सुनिश्चित करने के लिए हर नागरिक को समान अवसर दिए जाने चाहिए। इसके लिए उन्होंने कई कानूनी उपाय सुझाए, जिसमें संविधान में सुधार, शिक्षा का प्रचार और सामाजिक बदलाव की दिशा में काम किया।

भारतीय संविधान में अंबेडकर का योगदान (Ambedkar’s Contribution to the Indian Constitution):

डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है। उन्होंने भारतीय समाज में समानता और धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में कई महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़े। उन्होंने आरक्षण नीति और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को संविधान में शामिल किया, ताकि समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिल सकें।

संविधान में अंबेडकर द्वारा किए गए योगदानों में धर्मनिरपेक्षता, मूल अधिकार (Fundamental Rights), और संविधान के अनुच्छेद 15 और 17 जैसे अनुच्छेद शामिल हैं, जो जातिवाद और अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए बनाए गए थे।

अंबेडकर के सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण (Ambedkar’s Social and Political Views):

डॉ. अंबेडकर का मानना था कि धार्मिक सुधार और सामाजिक सुधार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने हिंदू धर्म की आलोचना करते हुए, बुद्ध धर्म को अपनाया और इसके माध्यम से उन्होंने समाज को एक नया दिशा देने का प्रयास किया। अंबेडकर का यह मानना था कि यदि समाज में वास्तविक परिवर्तन लाना है, तो धार्मिक और सामाजिक ढांचे में सुधार की आवश्यकता है।

उन्होंने हिंदू धर्म के आंतरिक असमानताओं को खत्म करने के लिए बुद्ध धर्म को अपनाया, और लाखों लोगों को इससे जोड़ा, ताकि वे धर्म और जातिवाद की बाधाओं से मुक्त हो सकें। उनका यह कदम भारतीय समाज में धार्मिक और सामाजिक समरसता लाने की दिशा में था।

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