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Category | : BACHELOR'S (HONOURS) DEGREE PROGRAMMES |
Sub Category | : स्नातक उपाधि संस्कृत (BASKH) (बी ए एस के एच ) |
Products Code | : 6.11-BASKH-ASSI |
HSN Code | : 490110 |
Language | : English, Hindi |
Author | : BMAP EDUSERVICES PVT LTD |
Publisher | : BMAP EDUSERVICES PVT LTD |
University | : IGNOU (Indira Gandhi National Open University) |
Pages | : 20-25 |
Weight | : 157gms |
Dimensions | : 21.0 x 29.7 cm (A4 Size Pages) |
BPAG 171 आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को आपदाओं के प्रकार, उनके प्रभाव, और आपदा प्रबंधन की रणनीतियों से परिचित कराना है। इस पाठ्यक्रम में आपदा से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ, संसाधन प्रबंधन, और आपातकालीन प्रतिक्रिया की प्रक्रियाओं पर गहन चर्चा की जाती है। असाइनमेंट समाधान में आपदा प्रबंधन की आवश्यकता और प्रमुख सिद्धांतों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
आपदा प्रबंधन का उद्देश्य आपदाओं के प्रभाव को कम करना और प्रभावित क्षेत्रों में जल्द सुधार लाना होता है। इसके अंतर्गत मुख्यतः निवारण, तैयारी, प्रतिक्रिया, और पुनर्वास (Recovery) की चार प्रमुख रणनीतियाँ शामिल हैं:
निवारण (Mitigation): आपदा के प्रभावों को कम करने के लिए उपायों को लागू करना। इसमें आपदाओं के जोखिम को पहचानना और उसे रोकने के लिए योजनाएं बनाना शामिल है।
तैयारी (Preparedness): आपदा की स्थिति में प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहना। इसमें प्रशिक्षण, उपकरणों की आपूर्ति और सार्वजनिक जागरूकता अभियान शामिल होते हैं।
प्रतिक्रिया (Response): आपदा के दौरान त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करना। इसमें राहत कार्य, बचाव अभियान और चिकित्सा सेवाएँ शामिल होती हैं।
पुनर्वास (Recovery): आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्निर्माण और सुधार। इसमें बुनियादी ढांचे की मरम्मत, फसलों की पुनः बुवाई, और लोगों की मानसिक स्वास्थ्य देखभाल शामिल है।
आपदाओं को मुख्यतः दो श्रेणियों में बांटा जाता है: प्राकृतिक और मानवजनित।
प्राकृतिक आपदाएँ (Natural Disasters): ये आपदाएँ प्रकृति के कारण होती हैं और इसमें भूकंप, सुनामी, बर्फबारी, बाढ़, तूफान, और सूखा शामिल हैं।
मानवजनित आपदाएँ (Man-Made Disasters): ये आपदाएँ मानव गतिविधियों के कारण होती हैं और इनमें युद्ध, रासायनिक दुर्घटनाएँ, परमाणु आपदाएँ और प्रदूषण शामिल हैं।
आपदा प्रबंधन की प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल होते हैं:
जोखिम मूल्यांकन (Risk Assessment): आपदा के जोखिमों का मूल्यांकन करना और यह निर्धारित करना कि कौन से क्षेत्र और समुदाय अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
समर्थन और सहयोग (Coordination and Support): विभिन्न एजेंसियों, सरकारों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय स्थापित करना।
आपातकालीन सेवाएँ (Emergency Services): आपदा के दौरान त्वरित बचाव, चिकित्सा सेवाएं, और राहत कार्य प्रदान करना।
सूचना और शिक्षा (Information and Education): आपदा के समय लोगों को सही जानकारी और दिशा-निर्देश देना, ताकि वे अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
आपदा के बाद पुनर्वास और सुधार के कार्यों में बुनियादी ढांचे की मरम्मत, पीड़ितों का मानसिक और शारीरिक पुनर्वास, और सामाजिक-सांस्कृतिक पुनर्निर्माण शामिल है। पुनर्वास कार्यों में प्रभावित क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना, रोजगार सृजन करना, और जलवायु परिवर्तन से संबंधित उपायों को लागू करना शामिल होता है।
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