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BEVAE 181 पर्यावरण अध्ययन| Latest Solved Assignment of IGNOU

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BEVAE 181 पर्यावरण अध्ययन| Latest Solved Assignment of IGNOU

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BEVAE 181 पर्यावरण अध्ययन असाइनमेंट समाधान में पर्यावरण के संरक्षण, पर्यावरणीय समस्याओं, और सतत विकास के सिद्धांतों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। यह समाधान IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है और हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प भी उपलब्ध हैं।
Product Name Cart


  • पर्यावरणीय समस्याओं और संकटों का विश्लेषण।
  • सतत विकास के सिद्धांत और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।
  • जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता की रक्षा।
  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान, हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।
Category : BACHELOR'S (HONOURS) DEGREE PROGRAMMES
Sub Category : स्नातक उपाधि संस्कृत (BASKH) (बी ए एस के एच )
Products Code : 6.11-BASKH-ASSI
HSN Code : 490110
Language : English, Hindi
Author : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
Publisher : BMAP EDUSERVICES PVT LTD
University : IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
Pages : 20-25
Weight : 157gms
Dimensions : 21.0 x 29.7 cm (A4 Size Pages)



Details

BEVAE 181 पर्यावरण अध्ययन पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण और उससे संबंधित समस्याओं के बारे में जागरूक करना है। यह पाठ्यक्रम प्राकृतिक संसाधनों के महत्व, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, जैव विविधता और सतत विकास के सिद्धांतों की गहरी समझ देता है। यह असाइनमेंट समाधान पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान के लिए वैश्विक और स्थानीय दृष्टिकोणों पर चर्चा करता है और इसे IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है।

पर्यावरणीय अध्ययन का उद्देश्य (Objective of Environmental Studies):

पर्यावरणीय अध्ययन का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों की उपयोगिता और संरक्षण के बारे में जानकारी देना है। यह अध्ययन यह समझाने का प्रयास करता है कि हम अपने आर्थिक और सामाजिक विकास में पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाएं, बल्कि उसे संरक्षित करने की दिशा में काम करें। इसके अलावा, यह पाठ्यक्रम जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, और जैव विविधता के संकट पर भी ध्यान केंद्रित करता है, ताकि छात्रों को पर्यावरण की रक्षा करने के उपायों के बारे में समझाया जा सके।

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण (Conservation of Natural Resources):

प्राकृतिक संसाधन जैसे जल, ऊर्जा, वन, खनिज, और मृदा जीवन के लिए आवश्यक हैं, लेकिन उनका अत्यधिक उपयोग और शोषण पर्यावरणीय संकट का कारण बन रहा है। वनों का कटाव, जलवायु परिवर्तन, और प्रदूषण जैसे मुद्दे इस शोषण का परिणाम हैं। प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण यह सुनिश्चित करता है कि इन संसाधनों का संतुलित उपयोग किया जाए और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इन्हें सुरक्षित रखा जाए।

वनों का संरक्षण, जल का संरक्षण, और नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का प्रयोग हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के कुछ प्रमुख उपाय हैं।

प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन (Pollution and Climate Change):

प्रदूषण का बढ़ता स्तर न केवल हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, और मृदा प्रदूषण के कारण अनेक बीमारियां फैल रही हैं। इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी बढ़ने, वर्षा पैटर्न में बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ रहा है।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौते जैसे पेरिस समझौता भी बनाए गए हैं।

जैव विविधता (Biodiversity):

जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन के विभिन्न रूपों की विविधता को दर्शाता है। यह पौधों, पशुओं, और सूक्ष्म जीवों की संख्या और प्रकार को शामिल करता है। जैव विविधता का संरक्षण प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद करता है और मानव जीवन के लिए अनिवार्य है। जैव विविधता में गिरावट आने से खाद्य सुरक्षा, औषधीय संसाधन, और वायु गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

जैव विविधता संरक्षण के उपायों में संरक्षित क्षेत्र, वन्यजीव अभयारण्य, और प्राकृतिक आवासों का संरक्षण शामिल हैं।

सतत विकास (Sustainable Development):

सतत विकास का अर्थ है कि हम अपनी वर्तमान आवश्यकताओं को बिना आने वाली पीढ़ियों के संसाधनों को नुकसान पहुँचाए पूरा करें। सतत विकास के तीन प्रमुख पहलू हैं:

  1. आर्थिक स्थिरता
  2. सामाजिक समावेशन
  3. पर्यावरणीय सुरक्षा

सतत विकास का उद्देश्य यह है कि हम पर्यावरणीय नुकसान को कम करते हुए, समाज में समान अवसर और आर्थिक समृद्धि ला सकें। यह विकास शाश्वत होना चाहिए और सभी के लिए लाभकारी हो।

पर्यावरणीय शिक्षा (Environmental Education):

पर्यावरणीय शिक्षा यह समझाने की प्रक्रिया है कि पर्यावरण को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। यह शिक्षा लोगों को पर्यावरणीय संकटों से निपटने के उपायों के बारे में बताती है और उनके दैनिक जीवन में पर्यावरण संरक्षण की आदतों को शामिल करने के लिए प्रेरित करती है।

कृषि और पर्यावरण (Agriculture and Environment):

कृषि एक प्रमुख क्षेत्र है जो पर्यावरण को प्रभावित करता है। व्यावसायिक कृषि की तकनीकों के कारण मृदा की गुणवत्ता में गिरावट, जल का अत्यधिक उपयोग और वनस्पति जीवन में बदलाव देखा जाता है। सतत कृषि पद्धतियां जैसे जैविक खेती और पर्यावरणीय कृषि तकनीकें जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने और मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।

असाइनमेंट समाधान की विशेषताएँ (Features of the Assignment Solution):

  • IGNOU दिशानिर्देशों के अनुसार समाधान।
  • पर्यावरणीय समस्याओं और संकटों का गहराई से विश्लेषण।
  • सतत विकास, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण पर विस्तृत चर्चा।
  • हस्तलिखित असाइनमेंट विकल्प उपलब्ध।

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